सबसे पहली बार हुआ जब.. था fourth क्लास में यार.
उम्र थी मेरी कुछ कच्ची, पर मुझे हुआ था प्यार.
मुझे हुआ था प्यार पड़ा कुछ ऐसा दौरा !!
दीवारें उसके नाम से भर दीं , furniture गंदा कर छोड़ा.
थी चार दिन की ये चांदनी, फिर आई अँधेरी रात,
पल में उतरा प्रेम भूत जब मम्मी ने जमाई लात !!
बोली मम्मी बेटा पढ़ ले, अभी उम्र नहीं है प्यार की..
अक्ल ठिकाने आई?? या ज़रूरत है इक और वार की?
फिर हुआ मेरा admission इन Allahabad सेकेंडरी स्कूल..
बेईमान दिल ने होश गंवाए फिर खिले प्यार के फूल !!
फिर खिले प्यार के फूल भाग्य ने क्या खेल दिखाया,
बोर्ड में चाहे थे 90 % सिर्फ 75 ला पाया!!
सोचा मार्क्स तो मिथ्या हैं, यहीं रह जाएंगे...
गर्ल फ्रेंड को खुश रख बच्चू, exams तो और भी आएँगे!!
पर हे मेरे प्रभु!! कैसा तेरा इन्साफ??
गर्ल फ्रेंड छूटी Allahabad में दिल्ली आ गए आप.
Delhi University में लिया एडमिशन A.N.D College में आया,
सोहनी कुडियां देख LOVE BUG फिर कुलबुलाया!!
पर शायद दिल्ली में, दाल ज़रा देर से पकती है,
Graduation हो गया पूरा.. आज तक आँखे राह तकती हैं.
इस प्यार व्यार के चक्कर में, है गिरा education टेम्पो,
बस इक और मिल जाए, ज्यादा आशा नहीं हमको!!
यही सोच कर हमने, कुर्सी की पेटी बाँधी,
N . L . Dalmia उड़ा ले गयी हमें CET की आंधी .
धूल झाड उठ खड़े हुए हम, मन ही मन मुस्काए
जन्नत में है हुई लैंडिंग !! चारों ओर अप्सराएं !!
अब देखें हमारी किस्मत आगे क्या क्या ग़ुल खिलाती है,
MBA पूरा कर पाऊंगा या फिर से मजनू बनाती है.
................................................................................( to be continued.. always!!)